Saturday, April 13, 2013
सपने
*************** सपने ***************
अपने सपने बुनने की ख़बर सबसे छुपाता रहा मैं
मगर मेरे सपने टूटने की खबर सबको हो गई
मगर मेरे सपने टूटने की खबर सबको हो गई
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posted on facebook on 06.02.13
अलविदा
********************************* 'अलविदा' *********************************
..मुझे लगता है शब्द कोष का सबसे दुखद शब्द है --'अलविदा' ....शायद मौत से भी ज़्यादा
..क्योंकि मौत हम रोक नहीं सकते ...किसी को अलविदा कहने से अपने आपको रोक सकते हैं
पर परिस्थिति ऐसी आ जाती है कि किसी को अलविदा कहना पड़ता है ............
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posted on facebook on 05.02.13
शुक्रवार पत्रिका में प्रकाशित - II
बस लाचार हूँ
***** बस लाचार हूँ ******
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तुझको दिखती होगी मुझमें बुराई
क्योंकि
मैं बार-बार वादा तोड़ देता हूँ
मैं करता हूँ नफ़रत तेरी बेवफ़ाइयों से
और करता हूँ वादा ख़ुद से
मैं नहीं करूँगा प्यार तुझसे
मगर तुम सामने आती हो
मैं हार-सा जाता हूँ
मेरी नफ़रत हार जाती है
मेरे प्यार से
और मैं तोड़ देता हूँ तुझसे नफ़रत का वादा
बार-बार
हर बार
और तुझको दिखने लगती है
मुझमें बुराई
वादा-ख़िलाफ़ी का
और लगने लगता हूँ मैं एक
बुरा आदमी
जो वादा निभाने में यक़ीन नहीं रखता
मगर
सच मानो
मैं बुरा आदमी नहीं हूँ
बस लाचार हूँ
प्रेम के हाथों
या
हाथों की लकीरों से .....
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‘अदबी किरण ’ राजस्थान .......के जनवरी अंक में प्रकाशित .............जो मेरी प्रकाशाधीन पुस्तक --“ स्पर्श ” से उद्धृत है ..
posted on facebook on 12.01.13.
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