स्पर्श ...
Saturday, April 13, 2013
शुक्रवार पत्रिका में प्रकाशित - II
**************************
*********************
‘ शुक्रवार ’ पत्रिका में प्रकाशित ...........विमर्श ..में शामिल --
**************************
********************
"...........लघु पत्रिकाओं की अहमियत गंभीर पाठकों एवं नये संवेदनशील लेखकों के
लिये काफी अहम है .....क्योंकि जो पाँच -छः बड़ी पत्रिकाएँ हैं ...वो साहित्य के
भाग्य निर्माता बन बैठे हैं ...वही छपते हैं जिनको वो चाहते हैं .....पाठक वही पढ़ने
के लिये बाध्य है ....इस दृष्टि से लघु- पत्रिकाएँ साहित्य -सृजन में अति महत्वपूर्ण
भूमिका निभा सकते हैं "....>>>>>>>>>>>>
विभूति कुमार ..
No comments:
Post a Comment
Newer Post
Older Post
Home
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment