स्पर्श ...

Saturday, April 13, 2013

शुक्रवार पत्रिका में प्रकाशित - II

  

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 ‘ शुक्रवार ’ पत्रिका में  प्रकाशित ...........विमर्श ..में शामिल --
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"...........लघु पत्रिकाओं की अहमियत गंभीर पाठकों एवं नये संवेदनशील लेखकों के

लिये काफी अहम है .....क्योंकि जो पाँच -छः बड़ी पत्रिकाएँ हैं ...वो साहित्य के

भाग्य निर्माता बन बैठे हैं ...वही छपते हैं जिनको वो चाहते हैं .....पाठक वही पढ़ने

के लिये बाध्य है ....इस दृष्टि से लघु- पत्रिकाएँ साहित्य -सृजन में अति महत्वपूर्ण

भूमिका निभा सकते हैं "....>>>>>>>>>>>> विभूति कुमार ..


Posted by Gazals of VIBHUTI KUMAR at 6:20 AM
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